भारत में 5G तकनीक ने डिजिटल दुनिया में एक नया अध्याय खोल दिया है, लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि Standalone (SA) और Non-Standalone (NSA) 5G नेटवर्क में आखिर फर्क क्या है | ये दोनों नेटवर्क 5G की स्पीड और परफॉरमेंस को अलग-अलग तरीके से पेश करते हैं |
जहां NSA 5G मौजूदा 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर आधारित है और शुरुआती रोलआउट के लिए इस्तेमाल किया गया, वहीं Standalone (SA) 5G पूरी तरह नयी 5G कोर तकनीक पर चलता है जो अल्ट्रा-लो लेटेंसी, ज्यादा स्थिरता और बेहतर नेटवर्क क्षमता प्रदान करता है। भारत में अभी दोनों नेटवर्क का इस्तेमाल देखा जा सकता है, लेकिन धीरे-धीरे देश Standalone 5G की ओर बढ़ रहा है ताकि यूज़र्स को असली 5G अनुभव मिल सके।
5G नेटवर्क क्या है?
5G नेटवर्क मोबाइल नेटवर्क की पाँचवी पीढ़ी है, जो 4G की तुलना में कहीं अधिक तेज़, स्थिर और उन्नत कनेक्टिविटी प्रदान करती है | यह तकनीक न केवल डाउनलोड और अपलोड स्पीड को कई गुना बढ़ाती है, बल्कि लो लेटेंसी (कम देरी) के साथ रियल-टाइम कम्युनिकेशन को भी संभव बनाती है |
भारत में 5G सेवा 1 अक्टूबर 2022 को आधिकारिक रूप से लॉन्च की गई थी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देशभर में शुरू किया | इसके बाद से Jio और Airtel जैसी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने अलग-अलग शहरों में 5G नेटवर्क का विस्तार किया | 5G के आने से भारत में स्मार्ट सिटीज, IoT डिवाइसेज़ और इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से विकास देखने को मिल रहा है।
Standalone 5G क्या है?
Standalone 5G (SA 5G) एक पूरी तरह से नया और उन्नत 5G नेटवर्क है, जो किसी भी पुराने 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर नहीं रहता | यह अपने खुद के 5G कोर नेटवर्क पर काम करता है, जिससे यूज़र्स को बेहतर स्पीड, कम लेटेंसी (कम प्रतिक्रिया समय) और ज्यादा स्थिर कनेक्टिविटी मिलती है।
Standalone 5G की खासियत यह है कि यह नेटवर्क स्लाइसिंग, IoT कनेक्टिविटी और रियल-टाइम एप्लिकेशंस जैसे एडवांस फीचर्स को सपोर्ट करता है, जो इंडस्ट्रियल और स्मार्ट सिटी सॉल्यूशंस के लिए बेहद उपयोगी हैं। भारत में भी Jio जैसी कंपनियां Standalone 5G पर काम कर रही हैं ताकि यूज़र्स को असली और फुल-पॉवर 5G अनुभव मिल सके।
Non-Standalone 5G क्या है?
Non-Standalone 5G (NSA 5G) वह नेटवर्क तकनीक है जो 5G स्पीड और कनेक्टिविटी देने के लिए मौजूदा 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर रहती है | इसका मतलब यह है कि इसमें 5G का रेडियो नेटवर्क तो होता है, लेकिन कोर नेटवर्क 4G का ही इस्तेमाल करता है | इस कारण NSA 5G की स्पीड और परफॉरमेंस Standalone 5G जितनी तेज़ नहीं होती, लेकिन इसे जल्दी और कम खर्च में लागू किया जा सकता है |
भारत में Airtel जैसी कंपनियों ने NSA 5G नेटवर्क को शुरुआती चरण में अपनाया ताकि यूज़र्स को तेज़ी से 5G का अनुभव मिल सके | यह तकनीक 4G से बेहतर तो है, लेकिन असली 5G अनुभव के लिए Standalone 5G की जरुरत होती है |
Standalone vs Non-Standalone 5G में अंतर
| फीचर | Standalone 5G | Non-Standalone 5G |
| नेटवर्क बेस | केवल 5G कोर | 4G + 5G का मिश्रण |
| लेटेंसी | बहुत कम | थोड़ी ज्यादा |
| कॉलिंग सपोर्ट | VoNR (5G Calling) | VoLTE (4G Calling) |
| स्पीड | ज्यादा | कम |
| सेटअप लागत | अधिक | कम |
| कवरेज | सीमित | व्यापक (अभी के लिए) |
भारत में 5G की स्थिति
भारत में 5G की स्थिति लगातार मजबूत हो रही है, और देश डिजिटल कनेक्टिविटी के नए युग में कदम रख चुका है | अक्टूबर 2022 में 5G लॉन्च के बाद से Jio और Airtel जैसी प्रमुख कंपनियों ने तेज़ी से अपने नेटवर्क का विस्तार किया है, जिससे आज लगभग हर बड़े शहर और कई छोटे कस्बों में 5G सेवा उपलब्ध है |
Jio जहां Standalone 5G तकनीक पर काम कर रही है, वहीं Airtel ने Non-Standalone 5G के जरिए देशभर में तेज़ नेटवर्क मुहैया कराया है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में पूरे भारत को 5G से जोड़ दिया जाए ताकि स्मार्ट सिटीज़, हेल्थकेयर, एजुकेशन और इंडस्ट्रियल सेक्टर को नई गति मिल सके। कुल मिलाकर, भारत अब दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो चुका है जो बड़े पैमाने पर 5G तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।
कौन बेहतर है – Standalone या Non-Standalone 5G?
अगर तुलना की जाये तो Standalone 5G तकनीक Non-Standalone 5G की तुलना में कहीं अधिक उन्नत और शक्तिशाली है | Standalone 5G अपना खुद का 5G कोर नेटवर्क इस्तेमाल करता है, जिससे यूज़र्स को बेहद तेज़ स्पीड, कम लेटेंसी और अधिक स्थिर नेटवर्क मिलता है।
वहीं Non-Standalone 5G अभी भी 4G कोर पर निर्भर है, इसलिए इसकी परफॉर्मेंस सीमित रहती है। हालांकि NSA 5G को लागू करना आसान और सस्ता होता है, इसलिए शुरुआती चरण में कई कंपनियों ने इसे अपनाया | लेकिन भविष्य में जब भारत पूरी तरह से Standalone 5G पर शिफ्ट होगा, तब यूज़र्स को असली 5G अनुभव मिलेगा जिसमें गेमिंग, वीडियो कॉलिंग, स्मार्ट डिवाइसेज़ और इंडस्ट्रियल एप्लिकेशन सभी पहले से कहीं अधिक तेज़ और स्मूद चलेंगे।





